पीएम शासन में निरंतरता को शायद ही कभी स्वीकार करते हैं। चीता प्रोजेक्ट के लिए 25.04.2010 को केपटाउन की मेरी यात्रा का ज़िक्र तक न होना इसका ताज़ा उदाहरण है। आज पीएम ने बेवजह का तमाशा खड़ा किया। ये राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और #BharatJodoYatra से ध्यान भटकाने का प्रयास है। 1/2 pic.twitter.com/V0Io8OMYyD